गेहूं की खेती

 गेहूं की खेती 

उत्तर भारत की एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है इससे होने वाले उत्पादन से साल भर के खाने के लिए अनाज मिलता है वह उससे होने वाली आमदनी से किसानों की पैसों की जरूरतें भी पूरी होती हैं अन्य फसलों के अलावा गेहूं अधिक पानी में लागत की आवश्यकता होती है इसलिए रबी मौसम में गेहूं की बुवाई होती है किसानों के लिए कुछ सुझाव यह दिए गए हैं ताकि वे इस फसल का भरपूर फायदा उठा सके।

 खेत की तैयारी 

सरसों की तरह ही गेहूं की अच्छी फसल लेने के लिए खेत की तैयारी पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है बुवाई के समय खेत में नमी होनी चाहिए अगर नमी कम है तो सिंचाई (खेत का पलेव )करके 1 से 2 दिन के बाद हेरों से दो या तीन जुताई करें और इसके बाद मांझा लगाकर बुवाई करें।

 बुवाई वे मात्रा

सीड ड्रिल मशीन की सहायता से सीधी लाइन में करें लाइन से लाइन की दूरी 80 से 20 सेंटीमीटर तथा बीज 5-6 सेंटीमीटर गहराई पर बोए 1 एकड़ में 40 से 50 किलोग्राम बीज की बुवाई करें।

 बीज उपचार

बीज को बोने से पहले उसे उपचारित करना आवश्यक है क्योंकि बिना उपचारित बीज बोने से फसल में बीमारी लगने की संभावना रहती है इसलिए बोने से पहले 40 किलोग्राम बीज को 50 ग्राम रक्सिल दवा से उपचारित करके बुआई करें।

 यदि खेत में दीमक का प्रकोप होता है तो बुवाई करते समय बीज के साथ फोरेट नामक दवा को मिलाकर करें ताकि दीमक के नुकसान से बचा जा सके।

 बुवाई का समय

गेहूं की बुवाई का सही समय 20 अक्टूबर से 20 नवंबर तक होता है।

 खाद एवं उर्वरक 

गेहूं की अच्छी फसल के लिए प्रति एकड़ 100 किलो यूरिया 3 बार में, 50 किलो डी.ए.पी., 20 किलो पोटाश, 10 किलो जिंक का प्रयोग करना चाहिए ।सभी खाद बुआई करने से पहले खेत में मिला दे ध्यान रहे कि केवल 30 किलो यूरिया बुआई से पहले खेत में मिलाना है। यूरिया को कभी भी बाकी अन्य खादों के साथ नहीं मिलाना चाहिए।  यूरिया की मात्रा 70 किलो को आधा करके 35-35 किलोग्राम दो बार में पहली सिंचाई के समय दूसरी अथवा तीसरी के समय दें। 

 सिंचाई 

गेहूं की फसल मैं मुख्यतया 6 सिंचाईयो की आवश्यकता होती है यदि सिंचाई के लिए पानी की कम उपलब्धता है है तो पहली सिंचाई गेहूं में कल्ले निकलने (गेहूं में फुटाव) के समय दें दूसरी सिंचाई फूल आने के समय तथा तीसरी सिंचाई दाना बनने के समय करनी चाहिए।

 सिंचाई हेतु संवेदनशील अवस्थायें-

  कल्ले निकलते समय ।

  फूल के समय ।

  दाना बनने के समय।

 गेहूं की फसल में सिंचाई करने का समय 

उपलब्ध सिंचाईयाँ   समयावधि(दिनों बाद )

1                                      22

2                                   22,85

3                               22,65,105

4                           22,45,85,105

5                         22,45,65,85,105

6                       22,45,65,85,105,120

कटाई 

गेहूं की कटाई के वक्त फसल कम या बहुत अधिक पक्की नहीं होनी चाहिए। 90% बीज भूरे रंग में बदल जाए तो समझ लेना चाहिए कि फसल कटने के लिए तैयार है गेहूं को घर में रखने से पहले या बाजार में ले जाने से पहले 4 से 5 घंटे धूप में सुखा लें अन्यथा बीच में ज्यादा नमी होने के कारण बाजार में कम भाव मिलेंगे और भंडारण में भी नुकसान हो सकता है 

अंत में सभी किसानों को सलाह दी जाती है कि वह मिट्टी की जांच करवाएं तथा जांच के आधार पर बताइए कि खाद की सिफारिशें के अनुसार उनका प्रयोग करें जिससे किसान खेती में खाद की सही मात्रा डाल सके और बिना जरूरत के खाद पर ज्यादा खर्च ना करें उचित मात्रा में बीज का इस्तेमाल करके भी ज्यादा उत्पादन लिया जा सकता है ।

                          अरविंद राणा कृषि विकास कार्यक्रमगेहूं की खेतीhttps://basantsawan.blogspot.com/p/blog-page_18.html?m=1

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